Helping hands inspiration from sandeep maheshwari

 लगभग जून जुलाई कि बात है, मै 12th की बुक्स कॉपीज लेके वापस आ रहा था मेरे साथ मेरी कजन सिस्टर भी थी धूप काफी थी और साथ में सामान भी था ढेर सारा ।

ऑटो वाले ने हमे बाईपास उतारा हालाकि घर बस वहा से थोड़ी दूर ही था पर पैदल जाना हमारे बस के बाहर था क्युकी एक तो धूप ऊपर से इत्ती भारी बुक्स वगैरा, पास मे एक रिक्शे वाला खड़ा था मैंने उससे पूछा  कितने रुपए लोगे पास मे ही जाना है उसने पूछा अलेके हो ? मैने रिप्लाई किया दो लोग है और साथ में सामान है तीन गली के बाद घर है पैसे बताओ 

उसने जवाब दिया बाबू जी 30 रुपए आप दे देना, मैंने तुरंत बुक्स वगैरा सब रख दी रिक्शे मे पलट कर देखा तो दीदी जी मेरी गन्ने के रस वाले से दो ग्लास गन्ने का रस का ऑर्डर दे चुकी थी। मै पास गया बोला दीदी रिक्शा खड़ा है चले घर! उन्ने मेरी तरफ देखा और दुकान वाले से बोली भैया 3 ग्लास कर देना एक फुल दो हाफ ग्लास ।

अब मै मन ही मन सोच रहा, हद है यार रिक्शा मिला नहीं कि घर के लिए भी अभी पैक कराने लगी ।

4-5 मिनट में उसने बना बुनू कर ग्लास 

मे डाल कर दिया पहला ग्लास हमने ही लपका दूसरा दीदी ने लिया अब उसने पूछा फुल ग्लास को पैक करना है? दीदी बोली रिक्शे वाले भैया को देदो खैर रिक्शे वाले ने खुशी खुशी ले लिया ग्लास, वहा से 5-7 मिनट लगे घर आने मे रिक्शे वाले को 30 रुपए दिए वो छोड़ कर चला गया 

मेरे मन में सवाल तो चल ही रहे थे, ये रिक्शा तो यार 50 रुपए का पड़ गया 30 रुपए किराया ले गया और 20 का जूस, पहले बताती ये तो 50 में ऑटो वाला ही छोड़ देता उसमे धूप भी न लगती ।

मेरे से रहा ना गया मैंने पूछ लिया उनसे दीदी ! ये बताओ किराया तो देना ही था तब उसे 20 रुपए का जूस क्यों पिला दिया और पिलाना ही था तो 10 वाला पिलाती और हम लोगो ने भी तो 10 वाला ही पिया था, बेस्ट ऑप्शन था कि हमारे पास; 50 में हम ऑटो कर लेते धूप भी ना लगती । दो तीन मिनट वो सुनती रही मेरी दलीले फिर बोली भईया मान लो हम तीन लोग होते तो तीन ग्लास ऑर्डर करते भले ही वो हमारे घर से नहीं था तो क्या हुआ साथ मे तो था और ये मजदूर है मेहनत का काम करते है तो थोड़ा ज्यादा खाते है 

हम लोग फुल ग्लास शायद ना पी पाते क्युकी हम लोगो कि डाइट काम है उन लोगो के साथ उल्टा है हाफ ग्लास में उनको शायद काम पड़ जाता, और ये बात याद रखना किसी को खिलाने से कभी हम गरीब नहीं होते अगर आज हम किसी को कुछ डे रहे है या उसकी हेल्प कर रहे है कल को भगवान हमारी भी हेल्प करेंगे 

उनने थोड़ी सी स्माइल दी और बोली दो तीन साल में जब मेरी एज मे आओगे तो शायद तुम भी ऐसा करने लगो ।


Helping one person might not change the whole world, but it could change the world for one person

               कुछ इकठा भी उन्हीं के पास होता हैं 

                            जो देना जानते हैं 

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